इलेक्ट्रिक ट्रक की आरामदायक ड्राइविंग के साथ-साथ प्रदूषण को भी कम करने में अपनी भूमिका के बारे में सीख रहा है ट्रकिंग समुदाय

नई दिल्ली: दिल्ली में, वाहनों से होने वाला प्रदूषण जहां संकट के स्तर पर पहुंच गया है, वहीं अक्टूबर 2023 में दिल्ली के परिवहन और पर्यावरण मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा था कि इस समस्या को हल करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2.0 कमर्शियल वाहनों पर अपना लक्ष्य केंद्रीत करेगी। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि 2030 तक सभी वाहन इलेक्ट्रिक हो जाएंगे। उसी वर्ष, राष्ट्रीय राजधानी में कुल 6,57,312 वाहन पंजीकृत हुए, जिनमें से 73,610 इलेक्ट्रिक थे।
हालांकि, हरियाणा-यूपी-दिल्ली मार्ग पर चलने वाले ट्रक चालक नसीब सिंह (36) जैसे जमीनी स्तर के हितधारकों के लिए, हरित प्रौद्योगिकियों और परिवहन डीकार्बोनाइजेशन के बारे में चर्चा उतनी प्रासंगिक नहीं है, क्योंकि, उनके परिवार और समुदाय की भलाई, उनके स्वास्थ्य पर प्रदूषण का प्रभाव, आरामदायक ड्राइविंग, रखरखाव में आसानी और लागत दक्षता ही उनकी प्राथमिकता है। ऐसे में सिंह और उनके जैसे लोगों के बीच इलेक्ट्रिक ट्रकों के बारे में जागरूकता पैदा करने की पहल ‘नई सोच की सवारी’ उनकी तात्कालिक चिंताओं को संबोधित करके बड़ी बातचीत के लिए आधार तैयार कर रही हैं।

इस संबंध में अब बेहतर जानकारी रखने वाले नसीब सिंह कहते हैं कि इलेक्ट्रिक वाहन एक सकारात्मक बदलाव का प्रतीक है, यही कारण है कि कई ब्रांड अब नए मॉडल लॉन्च कर रहे हैं। इतना ही नहीं ड्राइवर भी अब बेहतर वेतन की उम्मीद कर सकते हैं, क्योंकि उन्हें डीजल वाहनों की तरह लागत में कटौती करने की जरूरत नहीं होगी। इलेक्ट्रिक ट्रक अधिक आरामदायक, चलाने में आसान और पर्यावरण के लिए बेहतर हैं, जो महंगे डीजल की जगह किफायती अक्षय ऊर्जा का उपयोग कर मालिकों को राहत प्रदान करते हैं।

नसीब सिंह दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और चंडीगढ़ के लगभग 2,000 ट्रक ड्राइवरों में से एक हैं, जो इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को एक दिलचस्प अवधारणा बताते हुए न केवल इसके बारे में चर्चा कर रहे हैं, बल्कि इसके बारे में वे और अधिक जानना चाहते हैं।

चाइल्ड सर्वाइवल इंडिया के सहयोग से ‘नई सोच की सवारी’ ड्राइवरों को विभिन्न उपकरणों और कार्यक्रमों के माध्यम से इलेक्ट्रिक ट्रकों से होने वाले फायदों के बारे में जानकारी प्रदान कर रही है, जिसमें लाइव चर्चाएं, कला प्रतियोगिताएं और बोर्ड गेम का एक वास्तविक संस्करण शामिल है। इस पहल में शैक्षणिक केंद्र के रूप में काम करने वाला एक यूट्यूब चैनल ‘ईवी ओके प्लीज’ भी शामिल है, जो ट्रकिंग समुदाय को इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के बारे में गहन जानकारी प्रदान करता है।

नई सोच की सवारी की प्रबंधक कृतिका महाजन कहती हैं कि भारत के सड़क माल ढुलाई उद्योग में इलेक्ट्रिक ट्रकों के बारे में जानकारी का अभाव है। हमारा उद्देश्य ड्राइवरों और ट्रको के मालिकों द्वारा सामना की जाने वाली दैनिक समस्याओं को समझना और इस तकनीक के बारे में बातचीत और सवालों को प्रोत्साहित करना है। वे कहती हैं कि इन सवालों के जवाब देने से उन्हें भविष्य के ऊर्जा संक्रमण के बारे में सूचित निर्णय लेने में मदद मिलेगी। इस पहल को स्थानीय परिवहन संघों और लॉजिस्टिक्स प्रदाताओं से भी सहयोग मिल रहा है और आने वाले महीनों में दिल्ली भर में कई और जागरूकता सत्र आयोजित किए जाएंगे।

By admin

LIVING JOURNALISM FOR PAST DECADES...24X7, ITS PASSION; IRRESPECTIVE OF MONETARY GAINS OR LOSS

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